Mahatma Gandhi Biography In Hindi: आज हम इस लेख के माध्यम से महान पुरुष और देश को आजादी दिलवाने में सबसे बड़ा योगदान देने वाले महात्मा गांधी के बारे में बात करने वाले हैं। वर्तमान में भारत देश का बच्चा बच्चा महात्मा गांधी को जानता हैं। इतिहास में महात्मा गांधी का नाम था। बिलकुल उसी प्रकार आज भी उतना ही बड़ा उनका नाम है आज भी उनको याद किया जाता हैं।
महात्मा गांधी जो की वर्तमान में देश के राष्ट्रपिता हैं जिन्हें “बापू” के नाम से भी जाना जाता हैं। हम लोग आज भी महात्मा गांधी को गांधी बापू के नाम से ही पुकारता हैं। महात्मा गांधी ने देश को अंग्रेजो की गुलामी से छुटकारा दिलवाया और सबसे बड़े क्रांतिकारी बने।
महात्मा गांधी के विचार कुछ अलग ही प्रकार के थे। यह अहिंसा परमो धर्म का नारा लगाते थे। और इसी बात को लेकर आगे बढ़ते थे। महात्मा गांधी ने अपने विचारो से पूरी दुनिया में एक विशेष प्रकार की पहचान बनाई हैं।
दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से Mahatma Gandhi Biography In Hindi में जानेगे। इसके अलावा महात्मा गांधी का संपूर्ण जीवन परिचय आपको देगे। महात्मा गांधी के बारे में डिटेल्स में जानकारी पाने के लिए हमारे साथ अंत तक बने रहिए।
तो आइये हम आपको इस लेख के माध्यम से महात्मा गांधी के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं।
महात्मा गांधी का जीवन परिचय (Mahatma Gandhi Biography In Hindi)
नाम | मोहनदास करमचंद गांधी |
पिता का नाम | करमचंद गांधी |
माता का नाम | पुतलीबाई |
जन्म तिथि | 2 अक्टूबर 1869 |
जन्म स्थान | पोरबंदर, गुजरात |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जाति | गुजराती |
शिक्षा | बैरिस्टर |
पत्नी का नाम | कस्तूरबा गाँधी |
बेटे के नाम | हरिलाल, मणिलाल, रामदास, देवदास |
मृत्यु | 30 जनवरी 1948 |
हत्यारे के नाम | नाथूराम गोडसे |
उपलब्धियां | भारत के राष्ट्रपिता, असहयोग आंदोलन, भारत के स्वतंत्रा संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान, भारत छोड़ो आंदोलन |
महत्वपूर्ण कार्य | छुआ-छूत जैसी घृणित बुराइयों को समाज से दूर करने का सफ़ल प्रयास किया, सत्य और अहिंसा का प्रयोग करना सिखाया |
महात्मा गांधी का प्रारंभिक जीवन परिचय, जन्म, पत्नी, बेटे और बेटी के नाम
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। महात्मा गांधी के पिता पोरबंदर में दीवान थे और उनकी माता गृहणी तथा एक धार्मिक महिला थी। महात्मा गांधी को प्यार से लोग गांधी बापू के नाम से पुकारते थे।
महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा जिनसे महात्मा गांधी को 4 बेटे थे। मणिलाल, रामदास, हरिलाल, देवदास|
महात्मा गांधी का विवाह सिर्फ 13 वर्ष की उम्र में ही हो गया था। जब महात्मा गांधी का विवाह हुआ तब महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा की उम्र 14 वर्ष थी। सन 1887 में महात्मा गांधी ने मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। इसके बाद आगे की पढ़ाई करने के लिए सन 1888 में उन्होंने सामलदास कॉलेज में एडमिशन लिया था। यह कॉलेज भावनगर में मौजूद थी। यही से उन्होंने ग्रेज्युएशन की डिग्री प्राप्त की थी।
ग्रेज्युएशन की डिग्री प्राप्त करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह लंदन गए थे। लंदन से उन्होंने बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद देश लौट आये थे।
दक्षिण अफ्रीका में अवज्ञा आंदोलन चलाया
सन 1894 में बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त करने के बाद किसी क़ानूनी संबंध के चलते उन्हें दक्षिण आफ्रिका जाना पड़ा था। वहां उन दिनों कोई मामला चल रहा था। उसके खिलाफ महात्मा गांधी ने आवाज उठाई थी।
दक्षिण अफ्रीका में भी महात्मा गांधी ने अवज्ञा आंदोलन चलाया और वहां के अन्याय के खिलाफ खड़े रहे। सब कानूनी विवाद और सारा मामला खत्म हो गया इसके बाद भारत लौट आये।
महात्मा गांधी का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेना
जब सन 1916 की साल में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे तब देश पर अंग्रेजो का शासन चल रहा था। तब महात्मा गांधी ने भारत को अंग्रजो से मुक्ति दिलवाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया। इसके बाद महात्मा गांधी ने धीरे धीरे आंदोलन शुरू किये और अपनी तरफ से भारत देश की आजादी के लिए कदम उठाने लगे।
सन 1920 की साल में कोंग्रेस के सबसे बड़े लीडर माने जाने वाले बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु हुई। उनकी मृत्यु के बाद कोंग्रेस पार्टी का मार्गदर्शन महात्मा गांधी करने लगे।
सन 1914 से 1919 के प्रथम विश्वयुद्ध हुआ तब महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ने के लिए कहां उन्होंने कहा कि विश्वयुद्ध खत्म होने के बाद वह भारत छोड़ देगे। इसके लिए महात्मा गांधी ने अंग्रेजो को सहयोग भी दिया। लेकिन प्रथम विश्वयुद्ध होने के बाद भी ब्रिटिश सरकार ने भारत नही छोड़ा वह भारत पर शासन करना चाहते थे।
लेकिन जब प्रथम विश्वयुद्ध के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारत नही छोड़ा तब महात्मा गांधी ने विभिन्न आंदोलन चलाना शुरू कर दिया। जिसमे कुछ मुख्य आंदोलन के बारे में हमने नीचे चर्चा की हैं।
महात्मा गांधी के आंदोलन
महात्मा गांधी ने किये हुए आंदोलन के बारे में हमने विस्तृत जानकारी नीचे प्रदान की हैं –
1. चंपारण और खेडा सत्याग्रह आंदोलन सन 1918
सन 1918 में महात्मा गांधी ने पहला आंदोलन चलाया था जो चंपारण और खेडा सत्याग्रह के नाम से जाना जाता हैं। यह आंदोलन देश के किसानो के लिए महात्मा गांधी ने चलाया था। और इस आंदोलन में महात्मा गांधी को बहुत बड़ी सफलता भी मिली थी।
ऐसा माना जाता है की सन 1918 के करीब देश के किसानो को कहा गया की वह नील की पैदावार करे और ब्रिटिश सरकार के द्वारा निश्चित किये गये दाम पर ही बेचे। ब्रिटिश सरकार के इस प्रकार के फैसले के खिलाफ देश के किसानो और महात्मा गांधी ने आंदोलन चलाया। और आंदोलन चलाने के बाद ब्रिटिश सरकार को देश के किसानो और महात्मा गांधी की बात को मानना पड़ा।
इसी वर्ष में गुजरात के खेडा नाम के गाँव में बाढ़ आई और उस बाढ़ में किसानो को बहुत सारा नुकसान का सामना करना पड़ा। लेकिन फिर भी अंग्रेज सरकार ने किसानो के टैक्स को माफ़ नही किया तब देश के किसानो ने फिर से महात्मा गांधी का सहारा लिया।
एक बार फिर से महात्मा गांधी ने अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन चलाया। उस समय देश से महात्मा गांधी को काफी अधिक समर्थन मिला और इस आंदोलन में भी सफलता मिली। इस आंदोलन को असहयोग आंदोलन के नाम से जाना गया।
2. खिलाफत आंदोलन सन 1919
सन 1919 में खिलाफत नामक आंदोलन चलाया गया। जब महात्मा गांधी को ऐसा लगा की कांग्रेस ब्रिटिश सरकार के सामने कमजोर पड़ रही हैं तब उन्होंने खिलाफत आंदोलन करने का फैसला लिया।
इस आंदोलन में महात्मा गांधी हिन्दू और मुसलमान को एक करके ब्रिटिश सरकार को बाहर निकालने के प्रयास करने लगी। हिन्दू और मुसलमान की एकता बनी रहे और वह भी आंदोलन में उनका साथ दे इसके लिए महात्मा गांधी मुस्लिम समाज के पास गए और इस आंदोलन के बारे में चर्चा की।
हिन्दू को मुस्लिम का साथ मिलने से ब्रिटश सरकार भी थोड़ी दबाव में आई और इस आंदोलन का गहरा असर अंगेजो पर पड़ा। इसके बाद कांग्रेस में महात्मा गांधी की एक अच्छी जगह भी बन गई। महात्मा गांधी को राष्ट्रीय नेता चुना गया।
लेकिन यह हिन्दू मुस्लिम एकता अधिक दिनों तक टिकी नही और एक समय आया तब हिन्दू और मुस्लिम में दूरियां बढती गई। और इस वजह से सन 1922 में खिलाफत आंदोलन पूर्ण से खत्म हो गया।
3. असहयोग आंदोलन सन 1920
महात्मा गांधी के द्वारा यह आंदोलन भी सन 1920 में चलाया गया। सन 1919 में अंग्रेज सरकार ने एक एक्ट लागू किया जिसका नाम रोलेट एक्ट था। इस एक्ट के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में सभाओं का आयोजन हो रहा था। इसी प्रकार की सभा जलियांवाला बाग़ पंजाब अमृतसर में भी आयोजित की गई थी।
इस सभा में अंग्रेजो ने भारतीय लोगो को अच्छे तरीके से रौंदा था। अंग्रेजो के ऐसे बर्ताव के खिलाफ महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन करने का फैसला लिया। इस आंदोलन का मुख्य हेतु यह था की भारतीय अंग्रेजो की किसी भी प्रकार से कोई भी सहायता नही करेगे। और इस आंदोलन में कोई भी हिंसा ना हो इस बात का भी ध्यान रखा जाए।
लेकिन इस आंदोलन के दौरान चौरा चौरी नामक एक जगह पर कोई घटना घटित हो गई थी। इस घटना को देखते हुए असहयोग आंदोलन को बंद करने का फैसला लिया गया। और इस तरीके से आंदोलन बंद हो गया।
4. सविनय अवज्ञा आंदोलन सन 1930
सन 1930 में एक बार फिर से महात्मा गांधी के द्वारा आंदोलन चलाया गया और इस आंदोलन का नाम सविनय अवज्ञा आंदोलन था। इस आंदोलन का मुख्य हेतु यह था की ब्रिटिश सरकार जो भी कानून बनाती हैं उस कानून को नहीं मानना।
जैसे की ब्रिटिश सरकार ने एक कानून बनाया था की नमक का उत्पादन कोई भी नही करेगा। इस कानून को नहीं माना गया और महात्मा गांधी के द्वारा दांडी यात्रा का आयोजन किया। इस आंदोलन में महात्मा गांधी और उनके सहयोगी दांडी नामक जगह पर पहुंचे थे। और वहां जाकर नमक बनाने का काम किया और इस प्रकार से ब्रिटिश सरकार के कानून को तोडा था। यह आंदोलन भी बिलकुल अहिंसा और शांतिपूर्ण तरीके से खत्म हुआ था।
5. भारत छोड़ो आंदोलन सन 1942
अंग्रेजो की गुलामी करते करते देश को काफी साल हो चुके थे। सन 1940 के दशक में देश के लोगो में गुस्सा और जुस्सा दोनों ही दिखाई दे रहा था। ऐसे में सन 1942 में एक जबरदस्त आंदोलन चलाया गया और यह आंदोलन भारत छोड़ो आंदोलन के रूप में जाना गया।
यह देश का सबसे बड़ा दूसरा आंदोलन माना जाता हैं। लेकिन यह आंदोलन भी अधिक समय तक नही चल पाया और आंदोलन पूर्ण रूप से बंद हो गया। इस आंदोलन के धराशायी होने के पीछे काफी सारे कारण थे। इस आंदोलन में देश के सभी लोगो ने साथ दिया था जैसे कि इस आंदोलन में बच्चे से लेके युवा और बूढ़े लोगो ने भी साथ दिया।
आंदोलन अच्छा ख़ासा चल रहा था लेकिन ऐसा माना जाता है की देश के विभिन्न हिस्सों में अलग अलग तिथि पर यह आंदोलन शुरू होने की वजह से इसका प्रभाव अधिक देखने को नही मिला और इस वजह से यह आंदोलन भी बंद गया।
लेकिन इस आंदोलन का बहुत ही गहरा असर अंग्रेजो पर पड़ा था। उन्हें पता चल गया था की आज नही तो कल एक ना एक दिन उन्हें भारत छोड़ना ही पड़ेगा।
महात्मा गांधी के द्वारा चलाये गए आंदोलन की विशेषताएं
महात्मा गांधी के आंदोलन सफल होने के पीछे काफी सारी विशेषता भी थी जिसके बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं –
- महात्मा गांधी के द्वारा जो भी आंदोलन चलाये जाते थे वह सभी आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से और बिना हिंसा के चलाए जाते थे।
- महात्मा गांधी के द्वारा जो भी आंदोलन चलाये जाते थे। अगर उसमे किसी भी प्रकार की हिंसा दिखाई देती थी तो तुरंत ही आंदोलन को रद्द कर दिया जाता था। और इस कारण से भी भारत को आजादी मिलने में अधिक समय लग गया था।
- महात्मा गांधी के द्वारा किये जाने वाले आंदोलन सत्य और अहिंसा को ध्यान में रखते हुए ही किये जाते थे।
महात्मा गांधी की प्रमुख पुस्तकें
महात्मा गांधी की कुछ प्रमुख पुस्तको के नाम हमने नीचे बताये हैं –
- सत्य के साथ मेरे प्रयोग एक आत्मकथा
- मेरे सपनों का भारत
- हिन्द स्वराज – सन 1909 में
- दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह – सन 1924 में
- ग्राम स्वराज
इसके अलावा भी काफी सारी पुस्तकें गांधीजी के द्वारा लिखी गई थी।
महात्मा गांधी की मृत्यु
30 जनवरी 1948 के दिन नाथू राम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। महात्मा गांधी को तीन गोली लगी थी। जब उनकी मृत्यु हुई तब उनके मुख से हे राम अंतिम शब्द निकले थे। इसके बाद दिल्ली के राजघाट पर उनका समाधि स्थल बनाया गया था।
FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
महात्मा गांधी का जन्म कब हुआ था?
महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूम्बर 1869 में हुआ था।
महात्मा गांधी का जन्म कहां हुआ था?
महात्मा गांधी का जन्म गुजरात के पोरबंदर शहर में हुआ था।
महात्मा गांधी के गुरु का नाम क्या था?
महात्मा गांधी के गुरु का नाम श्रीमद रामचन्द्र जी था।
महात्मा गांधी ने देश के लिए क्या किया?
महात्मा गांधी ने देश को आजादी दिलवाने में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा देश के हित के लिए काफी सारे आंदोलन भी किये।
महात्मा गांधी की सबसे अच्छी और प्रमुख पुस्तक कौनसी है?
महात्मा गांधी ने सन 1909 में हिन्द स्वराज नामक एक पुस्तक लिखी थी। जो की महात्मा गांधी की द्वारा लिखी गई अच्छी और प्रमुख पुस्तक मानी जाती हैं।
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निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस लेख के माध्यम से Mahatma Gandhi Biography In Hindi में चर्चा की है। इसके अलावा इस लेख के माध्यम से बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान की हैं। हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।
अगर आप और कुछ अधिक जानना चाहते हैं तो हमे कमेंट बोक्स में कमेंट करे। हम आपके प्रश्नों के उत्तर देने की कोशिश करेगे। हमारा लेख पढने के लिए धन्यवाद।