Apj Abdul Kalam Biography In Hindi: एपीजे अब्दुल कलाम भले ही आज हमारे बीच नही हैं लेकिन आज भी एपीजे अब्दुल कलाम को याद किया जाता हैं। एपीजे अब्दुल कलाम ने भारत को तकनिकी और विज्ञान के क्षेत्र में काफी कुछ दिया हैं। इस वजह वह भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति भी रहे।
भारत के राष्ट्रपति बनने के बाद एपीजे अब्दुल कलाम को भारत के देशवासियों से खूब प्यार और सम्मान मिला। एपीजे अब्दुल कलाम ने लगभग चार दशक तक विज्ञान और तकनिकी क्षेत्र में काम किया। आज हम आपको एपीजे अब्दुल कलाम का पूरा जीवन परिचय बताने वाले हैं।
तो आइये हम आपको एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करने की कोशिश करते हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम का जीवन परिचय (APJ Abdul Kalam Biography in Hindi)
नाम | एपीजे अब्दुल कलाम |
उपनाम | द मिसाइल मैन ऑफ इंडिया |
APJ Abdul Kalam का पूरा नाम | अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम |
जन्म | 15 अक्टूबर, 1931 |
जन्म स्थान | धनुषकोडी गाँव, रामेश्वरम, तमिलनाडु, भारत |
धर्म | इस्लाम |
नागरिकता | भारतीय |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, लेखक एवं प्रोफेसर, ऐरोस्पेस इंजीनियर, वैज्ञानिक |
मृत्यु | 27 जुलाई 2015 (शिलांग (मेघालय),भारत ) |
मृत्यु का कारण | हार्ट अटैक |
एपीजे अब्दुल कलाम का प्रारंभिक जीवन परिचय (APJ Abdul Kalam Earlier Life)
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म सन 15 अक्टूम्बर 1931 के दिन तमिलनाडु के रामेश्वरम में धनुषकोडी गाँव में हुआ था। इनका पूरा नाम अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम था। एपीजे अब्दुल कलाम के पिता का नाम जैनलाब्दीन था। जो अपने ही गाँव में नावों को किराए पर देने का काम करते थे। और इनकी माता का नाम अंसिमा था जो गृहिणी थी।
एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म एक मुस्लिम और गरीब परिवार में हुआ था। ऐसा माना जाता है के एपीजे अब्दुल कलाम के पिता जैनुलाब्दीन नावों को किराए पर देने का काम करते थे। और उसीसे इनके घर का गुजारा चलता था।
एपीजे अब्दुल कलाम ने तकनिकी और विज्ञान क्षेत्र में चार दशक तक काम किया इसलिए इन्हें द मिसाइल मैन ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम के पिता जैनलाब्दीन कलाम और उनके अन्य चारो बच्चो को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं। लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होने की वजह से वह अपने बच्चो को अच्छी शिक्षा नही दे पा रहे थे।
एपीजे अब्दुल कलाम के परिवार में उनके मातापिता के साथ उनके चार भाई बहन भी थे। जिसमे से कलाम सबसे छोटे थे। उनसे 3 बड़े भाई और 1 बहन थी।
एपीजे अब्दुल कलाम के घर की आर्थिक स्थिति सही नही होने की वजह से उन्होंने बचपन से ही अपने घर की जिम्मेदारी लेना शुरू कर दिया था। ऐसा माना जाता है की कलाम बचपन में घर घर अखबार वेचने का काम करते थे। ताकि उनके पिता को आर्थिक रूप से मदद मिल सके।
ऐसा भी माना जाता है की बचपन में उनका पढाई के प्रति कुछ ख़ास लगाव नही था। लेकिन वह गणित विषय को काफी बारीकी से पढ़ते थे। इसलिए माना जा सकता है कि बचपन में एपीजे अब्दुल कलाम का मनपसंद विषय गणित रहा हैं।
एपीजे अब्दुल कलाम परिवार परिचय (APJ Abdul Kalam Family)
पिता का नाम | जैनुलाब्दीन |
माता का नाम | असिंमा |
पत्नी का नाम | नहीं |
दादा का नाम | पकिर |
परदादा का नाम | अवुल |
भाई का नाम | मुस्तफा कमाल, कासिम मोहम्मद, मोहम्मद मुथु मीरा |
बहन का नाम | असीम जोहरा |
एपीजे अब्दुल कलाम की प्रारंभिक शिक्षा (APJ Abdul Kalam Education)
एपीजे अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा यानी की दसवीं तक की शिक्षा अपने क्षेत्र रामानाथपुरम तमिलनाडु Schwartz Higher Secondary School से ही पूर्ण की थी। इस स्कूल में कलाम ने 10वीं तक की पढाई की थी।
ऐसा माना जाता है प्राथमिक शिक्षा के दौरान कलाम अपने शिक्षक आयदुरे सोलोमन नामक शिक्षक से काफी अधिक प्रभावित हुए थे और उनसे ही काफी सारी प्रेरणा मिली थी। इसके बाद एपीजे अब्दुल कलाम आगे की पढाई करने के लिए तिरुचिरापिल्ली चले गए थे। और यहाँ से ही एपीजे अब्दुल कलाम ने आगे की पढाई की थी।
एपीजे अब्दुल कलाम ने 1954 में सेंट जोसेफ कॉलेज से भौतिक विज्ञान सब्जेक्ट में बीएससी की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद कलाम जी का सपना इंजिनियर बनने था।
इसलिए एपीजे अब्दुल कलाम आगे की पढाई करने के मद्रास चले गए। और यहाँ की Institute of Technology in Aerospace Engineering में दाखिला लिया और यही सी आगे की इंजीनियरिंग की पढाई करना शुरू किया। सन 1955 में एपीजे अब्दुल कलाम ने इंजीनियरिंग की पढाई शुरू की थी।
इस कॉलेज में रहते हुए उन्हें एक प्रोजेक्ट करने का मौका मिला। एपीजे अब्दुल कलाम ने मिला हुआ Low level attack aircraft को अच्छे से पूरा भी किया। लेकिन माना जाता है की इनका यह प्रोजेक्ट उनके प्रोफेसर को पसंद नही आया था।
इसके बाद प्रोफेसर ने इसी प्रोजेक्ट पर और अधिक काम करने को कहां और सिर्फ तीन का समय दिया। ऐसा माना जाता है की एपीजे अब्दुल कलाम ने इस प्रोजेक्ट पर तीन दिन रात और दिन काम किया और अपने प्रोजेक्ट को सिर्फ तीन ही दिन में खत्म करके दिखाया।
इसके बाद कलामजी के इस प्रोजेक्ट के बारे में सभी ने तारीफ़ की और सभी प्रोफेसर को उनका यह प्रोजेक्ट खूब पसंद आया।
एपीजे अब्दुल कलाम का करियर (APJ Abdul Kalam Carrier)
अगर बात की जाए एपीजे अब्दुल कलाम के करियर के बारे में तो शुरुआत में इनका करियर बहुत ही संघर्ष भरा रहा। एपीजे अब्दुल कलाम का बचपन से एक और सपना था वायु सेना में जाना। इसके लिए भी कलामजी ने काफी संघर्ष किया। वायु सेना में भर्ती होने के लिए वह देहरादून इंटरव्यू देने भी गए थे।
वायु सेना में लगभग 8 शीट खाली थी जिसमे भर्ती होने वाली थी। लेकिन एपीजे अब्दुल कलाम का 9वां रैंक आया। और इस कारण उनका वायु सेना में सिलेक्शन नही हो पाया।
लेकिन इसके बाद एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने करियर की शुरुआत Defence Research and Development Organisation की।
- एपीजे अब्दुल कलाम ने madras Institute of Technology in Aerospace Engineering से अपनी इंजीनियरिंग की पढाई पूर्ण करके डिग्री प्राप्त की।
- इसके बाद सन 1958 में Defence Research and Development Organisation (DRDO) में शामिल हो गए।
- इसके बाद सन 1969 में कलामजी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का हिस्सा बने। यहाँ पर परियोजना निदेशक के पद पर कार्यरत थे।
- लेकिन एक बार फिर से एपीजे अब्दुल कलाम ने DRDO में जाने का फैसला लिया और वहां जाकर सफल मिसाइल बनाने का निर्माण कार्य शुरू किया। इस वजह से उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता हैं।
- एपीजे अब्दुल कलाम ने सन 1992 से लेकर 1997 तक रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी कार्य किया और अपने ज्ञान का योगदान भारत को भी दिया।
- सन 1999 से लेकर 2001 तक वह भारत के कैबिनट मंत्री रहे। और मंत्री पद पर रहते हुए भी देश के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में भी कार्य किया।
- सन 1998 में परमाणु परिक्षण करने में भी अपना मुख्य योगदान दिया और भारत को परमाणु क्षेत्र में मजबूत देश बनाने में मदद की।
- इसके बाद सन 2002 में एपीजे अब्दुल कलाम जी को भारत देश का राष्ट्रपति चुना गया। और वह 2007 तक देश के राष्ट्रपति पद पर रहे।
एपीजे अब्दुल कलाम की उपलब्धियां और पुरस्कार
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को मिलने वाली उपलब्धियां और पुरस्कार के बारे में हमने नीचे जानकारी प्रदान की हैं –
- सन 1981 की साल में एपीजे अब्दुल कलाम को भारत सरकार के द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- इसके बाद सन 1990 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
- सन 1997 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- इसी साल 1997 में इन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- सन 1998 में भारत सरकार के द्वारा वीर सावरकर पुरस्कार प्रदान किया गया।
- साल 2000 में चेन्नई द्वारा रामानुजन पुरस्कार प्रदान किया गया।
- सन 2008 में डॉक्टर ऑफ़ साइंस पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- सन 2009 में दो पुरस्कार ऑकलैंड विश्वविद्यालय द्वारा मानद डॉक्टरेट और वोन कॉम विंग्स अंतरराष्ट्रीय अवार्ड से केलिर्फोनिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी प्रदान किया गया।
- सन 2002 में डॉक्टर ऑफ लॉज साइमन फ्रेजर विश्वविद्यालय के द्वारा प्रदान किया गया।
- इसके बाद 2014 की साल में डॉक्टर ऑफ साइंस पुरस्कार यूनाइटेड किंगडम संस्था के द्वारा प्रदान किया गया।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की प्रसिद्ध पुस्तकें (Best Books of APJ Abdul Kalam)
वैसे तो एपीजे अब्दुल कलाम ने अपने जीवनकाल दौरान काफी सारी पुस्तकें लिखी जो समाज के अच्छे निर्माण के लिए सहयोगी भी बनी। एपीजे अब्दुल कलाम के द्वारा लिखी गई कुछ प्रसिद्ध पुस्तकों के नाम हमने नीचे बताये हैं।
- इंडिया 2020: ऐ विज़न फॉर द न्यू मिलेनियम
- इग्नाइटेड माइंडस: अन्लेशिंग द पॉवर विथिन इंडिया
- द लुमिनिउस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स
- स्पिरिट ऑफ़ इंडिया
- यू आर बोर्न टू ब्लॉसम: टेक माय जर्नी बियॉन्ड
- यू आर यूनिक: स्केल न्यू हाइट्स बाए थॉट्स एंड एक्शनस
- द साइंटिफिक इंडिया: ए ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी गाइड टू द वर्ल्ड अराउंड अस
- गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया
- माय जर्नी : ट्रांस्फोर्मिंग ड्रीम्स इनटू एक्शनस
- थॉट्स फॉर चेंज: वी कैन डू इट
- द गाइडिंग लाइट: ए सिलेक्शन ऑफ़ कोटेशन फ्रॉम माई फेवरिट बुक्स
- फोर्ज योर फ्यूचर: कैंडिड , फोर्थराईट, इंस्पाइरिंग
- इन्डोमिटेवल स्पिरिट
- रेगनिटेड: साइंटिफिक पाथवेयस टू ए ब्राईटर फ्यूचर
- ट्रांस्सन्देंस माई स्पिरिचुअल एक्सपीरियंसीस
- फोर्ज योर फ्यूचर: कैंडिड , फोर्थराईट, इंस्पाइरिंग
- मैनिफेस्टो फॉर चेंज
- टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजस
- ब्योंड 2020: ए विज़न फॉर टुमारो इंडिया
- द फैमिली एंड द नेशन
- गवर्नेंस फॉर ग्रोथ इन इंडिया
- मिशन ऑफ़ इंडिया: ए विज़न ऑफ़ इंडिया यूथ
- टर्निंग पॉइंट्स: ए जर्नी थ्रू चैलेंजस
- फेलियर टू सक्सेस: लेजेंडरी लिव्स
- टारगेट 3 बिलियन
- इन्स्पिरिंग थॉट्स: कोटेशन क्यूटेशन सीरीज
- गाइडिंग सोल्स : डायलॉग्स ओन द पर्पज ऑफ़ लाइफ
- विंग्स ऑफ़ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु
सन 27 जुलाई 2015 के दिन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु हुई। इस साल वह IIM शिलांग गए थे। वहां स्टेज पर भाषण देने के दौरान उनकी तबियत बिगड़ी थी और स्टेज पर ही बच्चो को भाषण देने के दौरान गिर गए थे। इसके बाद शिलोंग के एक अस्पताल में उन्हें ले जाया गया।
लेकिन तबियत अधिक बिगड़ने की वजह से उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। बस उसके बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा किया। उनकी मृत्यु 84 वर्ष की आयु में हुई। इनकी मृत्यु के बाद देश में सात दिन का राजकीय शोक भी रखा गया था।
मृत्यु होंने के बाद आम जनता के दर्शन करने के लिए उनको दिल्ली निवास स्थान पर लाया गया। यहाँ आम जनता के साथ साथ बड़े बड़े नेताओं ने उनलो श्रधांजलि अर्पित की। इसके बाद उनको अपने गाँव रामेश्वरम ले जाया गया। और अंतिम संस्कार उनके गाँव रामेश्वरम में किये गए।
APJ Abdul Kalam Biography in Hindi – FAQ’s (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम किस लिए प्रचलित थे?
वह एक बड़े वैज्ञानिक और राजनीति से जुड़े हुए थे। उन्होंने भारत देश के लिए काफी कुछ अच्छे अच्छे कार्य किये इसलिए आज भी डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रचलित हैं।
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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम किस साल में राष्ट्रपति बने?
सन 18 जुलाई 2002 में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम राष्ट्रपति बने।
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कलाम जी का पूरा नाम क्या था?
डॉक्टर अवुल पाकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम यह उनका पूरा नाम था।
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एपीजे अब्दुल कलाम को अन्य किस नाम से जाना जाता था?
एपीजे अब्दुल कलाम को मिसाइल मेन के नाम से भी जाना जाता था।
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एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु कब और कैसे हुई?
एपीजे अब्दुल कलाम की मृत्यु 27 जुलाई 2015 के दिन खराब तबियत के कारण हुई।
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APJ Abdul Kalam Biography In Hindi – निष्कर्ष
दोस्तों आज हमने आपको इस लेख के माध्यम से Apj Abdul Kalam Biography In Hindi में चर्चा की है। इसके अलावा इस लेख के माध्यम से बहुत सारी महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान की हैं। हम उम्मीद करते है कि आज का हमारा यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा।
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