Ratan Tata Biography in Hindi 2024 | देश के महान व्यक्ति रतन टाटा जी का जीवन परिचय

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Ratan Tata Biography in Hindi: ऐसा व्यक्ति जिन्होंने अपना जीवन अपने देश भारत और उसके लोगों के लिए समर्पित कर दिया। भारत के सबसे सफल व्यापारियों में से एक जो सबसे समझदार और दयालु है। आप समझ ही गए  होंगे की हम किसकी बात कर रहे  है, जी हाँ आप सही सोच रहे  हैं हम “रतन टाटा” जी के बारे में ही बात कर रहें है।

मैं कहूं तो किस्मत वाला है यह देश जहा पर रतन टाटा जैसे महान व्यक्ति ने जन्म लिया है । अगर  आप भी रतन टाटा जी के फैन है और उनके जीवन के बारे में जानना चाहते है। तो आइए अपने इस आर्टिकल में इस महान व्यक्ति के जीवन के बारे में विस्तार से जानते है ,जिनका जीवन हम सब के लिए प्रेरणा दायक है । 

रतन टाटा जी के बारे में पूरी जानकारी (Ratan Tata Biography in Hindi)

रतन टाटा एक प्रसिद्ध भारतीय उद्योगपति और टाटा संस के सेवामुक्त चेयरमैन हैं। वे सन 1991 से लेकर 2012 तक टाटा ग्रुप के अध्यक्ष रहे। 28 दिसंबर 2012 को उन्होंने टाटा ग्रुप के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया लेकिन वे अभी भी टाटा समूह के चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हुए हैं। 

वह टाटा ग्रुप के सभी प्रमुख कम्पनियों जैसे टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा टी, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स और टाटा टेलीसर्विसेज के भी अध्यक्ष थे। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। 

Ratan Tata Biography in Hindi
वास्तविक नामरतन नवल टाटा
पेशाउद्योगपति
जन्म की तारीख28 दिसंबर 1937
आयु (2023 में)85 वर्ष
जन्मस्थलमुंबई 
राष्ट्रीयताभारतीय
धर्मपारसी
रिलेशनशिप Unmarried 
बच्चेएक भी नही

रतन टाटा जी का जन्म और उनका प्रारंभिक जीवन

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को भारत के बॉम्बे (अब मुंबई कहा जाता है ) शहर में हुआ था। रतन टाटा नवल टाटा के बेटे हैं जिन्हे नवजबाई टाटा ने अपने पति रतनजी टाटा के मृत्यु के बाद गोद लिया था। 

जब रतन दस साल के थे और उनके छोटे भाई, जिमी, सात साल के तभी उनके माता-पिता (नवल और सोनू) 1940 के दशक में एक दुसरे से अलग हो गए। इसलिए दोनों भाइयों का पालन-पोषण उनकी दादी नवजबाई टाटा द्वारा किया गया। रतन टाटा का एक सौतेला भाई भी है जिसका नाम नोएल टाटा है।

रतन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से हुई और माध्यमिक शिक्षा कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से। इसके बाद उन्होंने अपना बी एस आर्किटेक्चर में स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के साथ कॉर्नेल विश्वविद्यालय से 1962 में पूरा किया। उसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से सन 1975 में एडवांस्ड मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।

रतन टाटा का करियर (Ratan Tata Carrier)

1962 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग करने के बाद उसी साल दिसंबर, 1962 में सिद्धार्थ टाटा ग्रुप में कदम रखकर करियर की शुरुआत की । 1971 में ये ‘नेल्को के डायरेक्टर इन चार्ज बने, लेकिन इस बीच कंपनी वित्तीय कठिनाइयों में फंस गई। मिडिल कंपनी ने high tech laptop का production करने का परामर्श दिया। साथ ही इस दिशा में प्रयास भी किया। 

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1981 में ये टाटा ग्रुप के सुपरस्टार बने। 1991 में पूरे टाटा ग्रुप को सूची के आधार पर एक नया रूप दिया गया। ‘टाटा कंसल्टेंसी सर्विस’ में ये सभी शामिल हैं और टाटा मोटर्स का नाम न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी पंजीकृत हो गया है। 1988 में टाटा ‘इंडिका’ आई। 

31 जनवरी, 2007 को टाटा संस ने एंग्लो-डच स्टील और एल्यूमीनियम निर्माता ‘कोरस ग्रुप’ को 13 बिलियन डॉलर का acquisition लिया। इस प्रकार रतन टाटा कंपनी जगत की विशिष्ट हस्ती बन गई। 10 जनवरी, 2008 को एक लाख रुपए की लॉन्च नैनो कार का सपना भी पूरा दिखाया गया।

26 मार्च, 2008 को फोर्ड कंपनी ने ‘जगुआर एंड लैंडरोवर’ का सौदा किया। 26 जनवरी, 2000 को भारतीय स्वतंत्रता दिवस की पांचवीं वर्ष पर रतन टाटा को ‘पदम् स्नान’ से सम्मानित किया गया। 26 जनवरी, 2006 को द्वितीय सर्वोच्च नागरिकता अलंकरण को ‘पद्म विभूषण’ से भी सम्मानित किया गया। 

2007 में फ़ोर्चून पत्रिका ने विश्व के 25 शक्तिशाली लोगों की सूची में भी शामिल हुए । 28 दिसंबर, 2012 को अपने 75वें जन्मदिन पर साइरस मिस्री को टाटा ग्रुप का पोर्टफोलियो बनाया गया है। 75 साल की उम्र में भी ये 35 साल के युवा की यूनिटी  में नजर आते हैं। 

रतन टाटा का संघर्ष (Ratan Tata Struggle)

साल 1971 में रतन टाटा को नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी (नेल्को) में प्रभारी निदेशक नियुक्त किया गया। उस समय इस कंपनी की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। जिसके बाद रतन टाटा ने अपनी क्षमता के दम पर नेल्को कंपनी को न सिर्फ नुकसान से बचाया बल्कि 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी भी बढ़ा दी थी। साल 1977 में टाटा को यूनियन की हड़ताल का सामना करना पड़ा जिसके बाद में नेल्को कंपनी बंद कर दी गई।

इसके कुछ महीने बाद रतन टाटा को एक फैब्रिक मिल इम्प्रेस मिल्स  डिजाइन की जिम्मेदारी दी गई। उस दौरान टाटा ग्रुप की यह कंपनी भी घाटा से गुजर रही थी। जिसके बाद रतन टाटा ने इसे काफी हद तक सही करने की कोशिश की और इसके modernization के लिए निवेश करने का आग्रह किया। लेकिन निवेश पूरा नहीं हो सका और उस दौरान बाजार में भी मोटे और मध्यम सुती कपड़ों की कमी होने की वजह से नुकसान का सामना करना पड़ा।

फिर कुछ देर बाद इसे बंद कर दिया गया। लेकिन रतन टाटा ग्रुप के इस फैसले से कोई मतलब नहीं था। इसके कुछ दिन बाद जे. आर. डी. टाटा ने साल 1981 में रतन टाटा की काबिलियत को देखकर उन्हें टाटा इंडस्ट्रीज का उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की।

हालाँकि, उस समय टाटा के अधिकांश एक्सपीरियंस नहीं होने के कारण इसका विरोध भी किया गया था। बाद में, वर्ष 1991 में रतन टाटा को टाटा इंडस्ट्रीज और इसके अन्य संगठनों के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनके प्रेसीडेंट में टाटा ग्रुप ने अपने कई अहम प्रोजेक्ट स्थापित किए और देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी उन्होंने टाटा ग्रुप को नई पहचान दिलवाई। टाटा के कुशल नेतृत्व में टाटा कंसल्टेंसी ने public issue जारी किया और टाटा मोटर्स को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया।

1998 में टाटा मोटर्स ने पहली बार भारतीय यात्री कार – टाटा इंडिका को बाज़ार में पेश किया। इसके बाद टाटा टी ने टेटली, टाटा मोटर्स ने जैगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील ने ‘कोरस ग्रुप का acquisition किया, जिससे टाटा ग्रुप  भारतीय उद्योग जगत में बहुत मजबूत हो गई। इसके साथ ही रतन टाटा भी व्यावसायिक जगत में एक प्रतिष्ठित राष्ट्रपति बन गये। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक संस्थान बन गया।

रतन टाटा की कंपनियों के नाम (Ratan Tata Company List)

  • टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज
  • टाटा इस्पात
  • टाटा मोटर्स
  • टाइटन कंपनी
  • टाटा केमिकल्स
  • टाटा पावर
  • इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आईएचसीएल)
  • टाटा उपभोक्ता उत्पाद
  • टाटा कम्युनिकेशंस
  • वोल्टास
  • ट्रेंट लिमिटेड
  • टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स लिमिटेड
  • टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड
  • टाटा मेटालिक्स
  • टाटा एलेक्सी
  • नेल्को
  • टाटा कॉफ़ी
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रतन टाटा चैरिटी 

1. टाटा हॉल का उद्घाटन: टाटा हॉल, जिसका नाम टाटा ट्रस्ट के नाम पर रखा गया है, इस ट्रस्ट ने 70 मिलियन डॉलर का दान दिया था, यह नवंबर 2018 में शुरू हुआ, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो में एक आधुनिक अनुसंधान केंद्र है।

2. हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में दान: 2010 में, टाटा समूह और टाटा चैरिटीज़ ने एक प्रबंधन केंद्र के विकास के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को 50 मिलियन डॉलर दिए।

3. एमआईटी का गठन: रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में एमआईटी टाटा सेंटर ऑफ टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन की स्थापना की।

4. छात्रवृत्ति: टाटा एजुकेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट देता है। दुनिया भर के मेधावी छात्रों के लिए $28 मिलियन का टाटा स्कॉलरशिप फंड।

रतन टाटा अवार्ड् (Ratan Tata Awards List)

वर्षनामपुरस्कार देने वाला संगठन
2000पद्मासनभारत सरकार द्वारा
2008पद्मविभूषणभारत सरकार द्वारा
2001बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन के मानद डॉक्टरओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी
2004उरुग्वे के ओरिएंटल रिपब्लिक का पदकउरुग्वे सरकार
2004प्रौद्योगिकी के मानद डॉक्टरएशियन इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
2005विज्ञान की मानद डॉक्टरवार्विक विश्वविद्यालय
2006विज्ञान की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास
2007मनद फेलोशिपअर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान के लंदन स्कूल
2007परोपकार की कर्णेगी पदकअंतर्राष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडोमेंट
2008लोक की मनद डॉक्टरकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2008विज्ञान की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मुंबई
2008विज्ञान की मानद डॉक्टरइंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी खड़गपुर
2008मनद फेलोशिपइंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान
2009ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश के मानद नाइट कमांडरयूनाइटेड किंगडम
2009इतालवी गणराज्य की योग्यता के आदेश के ‘भव्य अधिकारी’ का पुरस्कारइटली सरकार
2010लोक की मनद डॉक्टरकैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
2010लॉ के मनद डॉक्टरपेप्परडाइन विश्वविद्यालय
2012बिजनेस के मनद डॉक्टरन्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी
2013बिज़नेस प्रैक्टिस के मनद डॉक्टरकार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय
2014सयाजी रतन पुरस्कारक्रेडिट प्रबंधन संघ
2014लोक की मनद डॉक्टरयॉर्क यूनिवर्सिटी, कनाडा
2021असम बभवअसम सरकार

रतन टाटा का रिटायरमेंट

  •  21 सालों तक रतन टाटा ने कंपनी की कमान संभाली। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप का बाजार में 40% तक हिस्सेदारी और 50% मुनाफा बढ़ा।
  • 75 वर्ष की उम्र में रतन टाटा ने 28 दिसंबर 2012 को टाटा समूह से इस्तीफा दे दिया। उनके बाद साइरस मिस्त्री, शापूर्जी पल्लोनजी समूह के पल्लोनजी मिस्त्री के 44 वर्ष के बेटे को टाटा ग्रुप की कमान संभालने के लिए चुना।
  •  साल 2016 में साइरस मिस्त्री को किसी कारणवश कंपनी से निकाल दिया गया।
  • रतन टाटा ने फिर से साल 2016 से 17 तक टाटा ग्रुप की कमान संभालने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली ।
  •  साल 2017 में नटराजन चंद्रशेखरन को टाटा ग्रुप की जिम्मेदारी सौंपी गई जिसे अभी तक संभाल रहे हैं।

रतन टाटा के इंटरेस्टिंग फैक्ट्स (Interesting Facts About Ratan Tata)

  •  टाटा ग्रुप में टाटा चाय, टाटा स्टील, कार और हवाई जहाज, 5 स्टार होटल शामिल है। इस तरीके से यह सौ कंपनियों के साथ पूरे विश्व में पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी है।
  • रतन टाटा को पालतू जानवरों से बेहद पसंद है। इन्होंने पालतू कुत्ते की देखभाल के लिए मुंबई में स्थित इनके 400 करोड़ के बंगले को दे दिया है।
  • रतन टाटा के काम करने का तरीका ही बहुत अलग है। कर्मचारियों के साथ भी बहुत सामान्य तरीके से व्यवहार करते हैं, जिस कारण सभी कर्मचारियों को टाटा ग्रुप के साथ काम करना बेहद ही पसंद आता है।
  • खबरों के अनुसार बताया जाता है कि हार्परकॉलिंस ने टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा की बायोग्राफी को छापने के डील पर साइन किया था। इस बायोपिक किताब में रतन टाटा के जीवन से जुड़ी कई ऐसे तथ्यों के बारे में बताया गया है, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं।
  • टाटा कंपनी की सुमो कार मार्केट में काफी ज्यादा बिकी थी। कहा जाता है कि सुमो कार का नाम टाटा के पूर्व एमडी का शार्ट नाम है। उनके पूर्व एमडी का पूरा नाम सुमंत मूलगांवकर था और उन्हीं के नाम पर इस कार का नाम सुमो रखा गया था, जो टाटा के लिए बहुत ही लकी रहा। क्योंकि यह मार्केट में खूब चला।
  • रतन टाटा ना केवल एक सफल उद्योगपति हैं बल्कि दिल से भी एक बहुत अच्छे इंसान हैं। उनके इंसानियत को आप इसी बात से समझ सकते हैं कि एक बार रतन टाटा की फैक्ट्री में काम करने वाला मजदूर 2 सालों से बीमार था। रतन टाटा ना केवल उसके इलाज का खर्चा उठा रहे थे बल्कि एक बार तो उस मजदूर को देखने के लिए खुद उसके घर पर चले गए।
  • साथ 2008 में मुंबई के ताज होटल में 26/11 हमले में जितने भी कर्मचारियों को नुकसान हुआ था, टाटा ग्रुप में उन सभी के नुकसान का मुआवजा 20 दिनों के अंदर प्रदान करवाया। यहां तक कि उन लोगों के घर जा जाकर हरसंभव उनकी मदद की।
  • टाटा ग्रुप ने ना केवल टाटा कंपनी से जुड़े कर्मचारियों की आर्थिक मदद की बल्कि होटल के आसपास ठेले पर बेचने वाले लोग जो इस आतंक में घायल हो गए थे, जिनकी दुकानें जल गई, उन सभी लोगों को नए ठेले प्रदान किया और आर्थिक मदद की यहां तक कि पुलिस, यात्री, रेलवे कर्मचारी जिनका टाटा से कोई संबंध नहीं था, उन लोगों को भी टाटा ग्रुप ने 6 महीने तक 10 हजार देने का वादा किया। यहां तक कि उस आतंक से पीड़ित 46 बच्चों के शिक्षा का भी जिम्मा खुद टाटा ग्रुप ने उठाया।
  • इतना ही नहीं, कहा जाता है कि ताज होटल में झब आतंकी हमला हुआ था तो होटल के पास एक वेंडर की पोती को चार गोली लगी थी। तब खुद रतन टाटा ने उस लड़की को मुबंई के बड़े हॉस्पिटल में भर्ती करा कर लाखों रुपए खर्च करके उस लड़की का अच्छा इलाज करवाया था। इस तरीके से रतन टाटा ने कई मौकों पर इंसानियत दिखाएं।
  • रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की। जब वे लॉस एंजिल्स में थे तब वहां उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया। टाटा के परिवार में कोई सदस्य बीमार हो गया था तब उन्हें भारत आना था। परंतु, उस लड़की के माता-पिता ने उसे टाटा के साथ आने से मना कर दिया। इसके बाद रतन टाटा भारत आ गए और पीछे से उस लड़की की शादी हो गई। रतन ने उस लड़की को वचन दिया था कि वे केवल उसी से शादी करेंगे पर ऐसा नही हो पाया और जिंदगी में कभी शादी नहीं की।
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रतन टाटा नेटवर्थ  (Ratan Tata Net Worth)

अगर हम टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों के मार्किट वैल्यू की बात करें तो एक अनुमान के हिसाब से जितनी उनकी कंपनियां हैं उनकी मार्किट वैल्यू 17 लाख करोड़ रुपये होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति 117 बिलियन डॉलर यानी करीबन 8.25 लाख करोड़ है। रतन टाटा इसमें से 65 प्रतिशत पैसा लोगों की मदद करने के लिए दान देते है । यही कारण है कि वो दुनिया के अमीर व्यक्तियों में शामिल नहीं है। लेकिन लोग उन्हें दिल का बहुत अमीर मानते हैं।

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Ratan Tata Biography in Hindi -FAQ’s

  1. टाटा कंपनी का मालिक कौन है?

    टाटा कंपनी का मालिक रतन टाटा हैं।

  2. रतन टाटा का जन्म कब हुआ ?

    रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937- मुंबई, भारत में हुआ था।

  3. रतन टाटा की पत्नी का नाम?

    रतन टाटा की कोई पत्नी नहीं है, उन्होंने शादी नहीं की है।

  4. रतन टाटा कौन से धर्म से है?

    रतन टाटा पारसी पन्थ धर्म से हैं।



निष्कर्ष – Ratan Tata Biography in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हमने आप को रतन  टाटा के जिंदगी के बारे में पूरी जानकारी दी है। Ratan Tata biography in Hindi में रतन टाटा जी के बारे में जानकर आपको कैसे लगा, कमेंट करके  बताएं। अगर आर्टिकल पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए।

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